sifarnama
largely poetry, some prose and a few random observations on life
March 28, 2013
इस सदियों से बहती
दर्द की धार
के उस पार
भी तो कोई दुनिया होगी
मुझे वहाँ ले चल
मेरे हमदम
मुझे वहाँ ले चल
मेरे यार
सिफ़र
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